जिनकी एक मुस्कान से महफिल में चार चांद लग जाते थे.
जिनकी मौजुदगी से महफिल रोशन जाती थी.
ऐसी मदमस्त हसीना मधुबाला को महफिलों में जाना ही मना था.
जी हां आज आपको बतातें है मधुबाला की जिंदगी का एक कडवा सच.
इंडियन सिनेमा की सबसे खुबसुरत हिरोइन मधुबाला ने कई बेहतरीन फिल्मों में अपने हुस्न के जलवे बिखेरे लेकिन अफसोस उन्होने अपनी फिल्मों की एक भी पार्टी या प्रिमीअर अटैंड नही किएं.
क्योंकि मधुबाला को फिल्मी पार्टीयो पर जाने की इजाज़त नही थी.
दरअसल मधुबाला के पिता अताउल्ला खान बेहद पुराने खयालात के थे.
उन्होंने अपनी बेटी को फिल्मों में काम करने की इजाज़त तो दे रखीं थी लेकिन किसी फिल्मी पार्टी या फिल्म प्रिमीअर में शरीक होने की इजाज़त नहीं दी थी.
लिहाजा मधुबाला चाहकर भी किसी फिल्मी दावत में शामिल नही होती थीं.
ये कहना गलत नही होगा कि सेट के अलावा मधुबाला कहीं और लोगों से घुलती मिलती नहीं थीं.
शायद तनहाई उनकी जिंदगी का एक कडवा सच बन कर रह गई थीं.
जिनकी मौजुदगी से महफिल रोशन जाती थी.
ऐसी मदमस्त हसीना मधुबाला को महफिलों में जाना ही मना था.
जी हां आज आपको बतातें है मधुबाला की जिंदगी का एक कडवा सच.
इंडियन सिनेमा की सबसे खुबसुरत हिरोइन मधुबाला ने कई बेहतरीन फिल्मों में अपने हुस्न के जलवे बिखेरे लेकिन अफसोस उन्होने अपनी फिल्मों की एक भी पार्टी या प्रिमीअर अटैंड नही किएं.
क्योंकि मधुबाला को फिल्मी पार्टीयो पर जाने की इजाज़त नही थी.
दरअसल मधुबाला के पिता अताउल्ला खान बेहद पुराने खयालात के थे.
उन्होंने अपनी बेटी को फिल्मों में काम करने की इजाज़त तो दे रखीं थी लेकिन किसी फिल्मी पार्टी या फिल्म प्रिमीअर में शरीक होने की इजाज़त नहीं दी थी.
लिहाजा मधुबाला चाहकर भी किसी फिल्मी दावत में शामिल नही होती थीं.
ये कहना गलत नही होगा कि सेट के अलावा मधुबाला कहीं और लोगों से घुलती मिलती नहीं थीं.
शायद तनहाई उनकी जिंदगी का एक कडवा सच बन कर रह गई थीं.
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