Tuesday, October 22, 2013

शम्मी कपुर और गीता बाली के प्यार की दास्तां

इंडियन सिनेमा के एल्विस प्रिस्ले यानी की हमारे लीजंड एक्टर शम्मी कपुर का भला कौन दिवाना नही हैं.लेकिन आज हम उनकी बात करेंगें जिनके खुद शम्मी जी दिवाने थे.
ये उस वक्त की बात है जब शम्मी कपुर फिल्म इंडस्ट्री में एक स्ट्रगलर थे जबकि गीता बाली ये नाम बेहद बडा था.एक फिल्म में गीता बाली को शम्मी कपुर जैसे न्युकमर के साथ स्क्रीन शेअर करनी पडी और यहीं से शुरु हुई शम्मी जी के दिवाने पन की दास्तां.
गीता बाली की खुबसुरती ने शम्मी जो को इतना दिवाना बना दिया कि फिल्म के खत्म होते होते उन्हें गीता बाली से बेइंतहा प्यार हो गया.
हद तो तब हुई जब एक दिन हिम्मत कर के शम्मी जी ने गीता बाली से ये पुछ लिया कि वो उनसे प्यार करतें हैं और शादी भी करना चाहतें हैं.

गीता बाली उस वक्त की स्टार थी,दिल ही दिल में शम्मी जी को पसंद भी करती थी लेकिन वो बेहद नटखट थी अब उन्होने शम्मी जी के सामने रखी एक शरत.
गीता बाली ने कहा कि वो उनसे शादी के लिए तैयार है बशर्ते ये शादी आज के आज ही हो.
इन दोनो के बीच जब ये बात हो रही थी तब वक्त हो चला था रात के करीब 11 बजे का.
अब दिलेर शम्मी जी ने गीता बाली के इस चैलेंज को मान लिया और वो फौरन उन्हें लेकर पहुंच गये मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर शादी करने के लिए लेकिन अफसोस तब तक मंदिर बंद हो चुका था.
खैर शम्मी जी कहां पीछे हटने वालें थे उन्होनें मंदिर के पुजारी को जगाया और शादी कराने की बात की.
पुजारी ने उनसे कहां की ये वक्त शादी के लिए अच्छा नही है बेहतर है आप सवेरे आईए शादी हो जाएगी.
अब शम्मी जी ने सोचा कि अगर बिना शादी के वो गीता बाली को घर छोड दे तो शायद वो अपना इरादा बदल देंगी लिहाजा शम्मी कपुर ने पुरू रात अपनी कार में गीता बाली के साथ बातें करते हुए बीतायी.
और सवेरे चार बजे जब मंदिर खुला तो गीता बाली को लेकर मंदिर गये और वहीं पर उनसे शादी रचा ली.
तो किस्सा सुनाकर कहना ही होगा ना कि शम्मी जी वाकई दिवाना आपसा नही इस अंबर के नीचे... 

No comments:

Post a Comment