Tuesday, October 22, 2013

राज कपुर थे असली आनंद !!!

बाबुमोशाय ये लब्ज़ सुनकर हमारे जहन में आता है आनंद.
जिंदा दिल, जिंदगी से प्यार करने वाला, सबको हंसाने वाला , खुश रहने वाला और खुशीयां फैलाने वाला.
राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन की आनंद हममे से शायद किसी ने देखी नही होगी.
रिशिकेश मुखर्जी की इस क्लासिक फिल्म का इंडियन सिनेमा में एक खास दर्जा हैं
लेकिन क्या आप जानतें है कि रिशीदा ने इस फिल्म का निर्माण आखिर किस के लिए किया था.
वो थे राज कपुर.
अब आप सोचेंगे कि राज कपुर और आनंद का क्या रिश्ता था.
दरअसल राज कपुर रिशीदा के सबसे करीबी दोस्त थें.
रिशीदा ने राज साहब के साथ कई बेहतरीन फिल्में बनायी.
और आनंद भी वो राज साहब को लेकर ही बनाना चाहतें थे.

यानी कि रिशी दा के खयालों का आनंद राजेश खन्ना नही थे बल्कि थे उनके सबसे करीबी मित्र राज कपुर.
लेकिन जैसा कि हम जानते हैं फिल्म के अंत में आनंद की मौत हो जाती है ये क्लामेक्स रिशी दा को पसंद नहीं था.
क्योंकि वो अपने दिल के करीबी राज साहब को कभी भी डेथ सीन्स में देखना बरदाश्त नही कर सकतें थे.
उनके मुताबिक वो राज को कभी मौत की नींद में सोते देख सकते थे इसलिए उनकी पहली पसंद होने के बावदुद भी उन्होंने राज साहब को इस फिल्म में नही लिया.
दोस्ती की ऐसी मिसाल पेश की रिशीदा ने सिरफ और सिरफ अपने दोस्त  राज कपुर रे लिए. 

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