Thursday, December 19, 2013

लता मंगेशकर ने क्यों ठुकराया अपना पहला एवार्ड ?

जिस जादुई आवाज़ ने अरसों से सारी दुनिया पर मोहिनी डाल रखी है ऐसी सुरों की मल्लिका गान सम्राग्नी लता मंगेशकर का एक अनसुना किस्सा आज आपको सुनातें हैं.
ये उस वक्त की बात है जब लता मंगेशकर ये नाम शोहरत की बुलंदि पर था.
और 50 के उस दशक में लता दिदी ही हर हिरोईन की आवाज बन चुकी थी...
इसी दौर में इंडियन सिनेमा ने करवट ली और शुरआत हुई फिल्म फेअर एवार्डस् की.
जिसमें फिल्म बैजु बावरा के गानों के लिए पहली बार लता दिदी की खुबसुरत आवाज को पुरस्कार घोषित हुआ,अब खुद दिदी ये ऐवार्ड पाकर बेहद खुश तो हुई लेकिन ये अवार्ड में लेने में वो कतराने लगी.
उन्होंने तो आयोजको से ये अवार्ड लेने से सीधे इंकार ही कर दिया.
क्या आप जानतें है अपना पहला एवार्ड लता जी किस वजह से ठुकरा चुकी थीं.
अरे भाई फिल्म फेअर की ट्रॉफी थी एक औरत की जिसके बदन पर कपडे नहीं थें.
अब उसुल पसंद दिदी को ये बेशर्मी बिलकुल गंवारा नही थी लिहाजा उन्होने ये न्युड ट्रॉफी लेने से सीधे इंकार कर दिया.
अब क्या करें आयोजक दिदी को मनाने की पुरी कोशिश करने लगे लेकिन दिदी नही मानी.
फिर आयोजकों ने एक युगत लगाई लता दिदी का नाम एवार्ड लेने के लिए अंनाउस हुआ और जब लता दिदी स्टेज पर आई  तब एक रुमाल में लपेट कर उन्हें उनके करिअर की पहली ट्रॉफी दी गई.
और इस तरह से नवाजी गई सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर..

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